NIOS Class 10 Hindi Chapter 21 पत्र कैसे लिखें
मित्र के पिता के देहांत पर शोक-संदेश की भाषा संवेदनशील, सहानुभूतिपूर्ण और औपचारिक होती है। इसमें निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए:
संबोधन: “प्रिय [मित्र का नाम]” या “प्रिय मित्र” से शुरुआत करें।
शोक व्यक्त करना: सीधे शब्दों में शोक व्यक्त करें, जैसे “मुझे आपके पिता के निधन का समाचार सुनकर गहरा दुःख हुआ।”
सहानुभूति: मित्र के प्रति सहानुभूति व्यक्त करें, जैसे “इस कठिन समय में मैं आपके साथ हूँ।”
समर्थन: उन्हें यह बताएं कि आप उनके लिए उपलब्ध हैं।
समापन: संवेदना और स्नेह के साथ पत्र समाप्त करें, जैसे “आपका मित्र” या “सादर।”
इस प्रकार की भाषा शोक-संदेश को संवेदनशील और सहायक बनाती है।
प्रिय चंद्रकांत, नमस्कार,
मुझे यह जानकर अत्यंत दुःख हुआ कि आपके पिता जी का स्वर्गवास हो गया है। इस कठिन समय में मेरे पास शब्द नहीं हैं जो आपके दुःख को कम कर सकें, परन्तु मैं यह कहना चाहता हूँ कि मैं और मेरा परिवार इस दुखद घड़ी में आपके साथ हैं।
आपके पिता जी एक अद्भुत व्यक्ति थे और उनके न रहने से जो शून्य उत्पन्न हुआ है, उसे कोई नहीं भर सकता। उनकी स्मृतियाँ और उनके द्वारा दिए गए स्नेह और शिक्षाएँ हमेशा आपके साथ रहेंगी और आपको जीवन के कठिन क्षणों में संभालेंगी।
कृपया इस कठिन समय में धैर्य रखें और परिवार के सभी सदस्यों को भी हिम्मत दें। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और आपको तथा आपके परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें।
यदि आपको किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो कृपया बिना संकोच मुझे बताएं। इस दुख की घड़ी में मैं आपके साथ हूँ।
सादर,
XYZ