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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 11, सार लेखन धर्म आत्म-साक्षात्कार का मार्गदर्शन करता है, क्योंकि यह व्यक्ति को अपनी आत्मा की वास्तविकता और उद्देश्य से परिचित कराता है। धर्म हमें अपने भीतर की शक्ति, शांति और संतुलन ...

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 11 सार लेखन धर्म और संप्रदाय में मूल अंतर है। धर्म एक व्यापक और सार्वभौमिक सिद्धांत है, जो व्यक्ति को आत्म-साक्षात्कार, नैतिकता, और मानवता की दिशा में मार्गदर्शन करता है। यह मानव जीवन को सही दिशा ...

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निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढि़एः लोगों ने धर्म को धोखे की दुकान बना रखा है। वे उसकी आड़ में स्वार्थ सिद्ध करते हैं। बात यह है कि लोग धर्म को छोड़कर संप्रदाय के जाल में फँसे हैं। संप्रदाय बाह्य कृत्यों पर ज़ोर देते हैं। वे चिह्नों को अपनाकर धर्म के सार-तत्त्व को मसल देते हैं। धर्म मनुष्य को आत्म-साक्षात्कार कराता है, उसके हृदय के किवाड़ों को खोलता है, उसकी आत्मा को विशाल, मन को उदार तथा चरित्र को उन्नत बनाता है। संप्रदाय संकीर्णता सिखाते हैं। ये हमें जात-पाँत, रूप-रंग तथा ऊँच-नीच के भेद-भावों से ऊपर नहीं उठने देते। अब निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः (क) इस गद्यांश का मूल भाव क्या है ? सही उत्तर पर (√) तथा गलत पर (x) का निशान लगाइएः (i) धर्म की व्याख्या करना (ii) संप्रदाय की व्याख्या करना (iii) धर्म और संप्रदाय का अंतर स्पष्ट करना (iv) धर्म और संप्रदाय दोनों को एक बताना (v) धर्म से संप्रदाय को श्रेष्ठ सिद्ध करना (vi) संप्रदाय से धर्म को अच्छा बताना

NIOS Class 10 Hindi Chapter 11 धर्म को धोखे की दुकान मानते हुए, गद्यांश में कहा गया है कि लोग स्वार्थ सिद्ध करने के लिए धर्म का उपयोग कर रहे हैं। वे संप्रदायों में फंसकर बाहरी कृत्यों पर ध्यान केंद्रित करते ...

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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 10, पढ़ें कैसे (क) दीपक से सीखो जितना हो सके अँधेरा हरना। इस वाक्य का अर्थ है कि दीपक की तरह हमें अपने जीवन में अंधकार (अज्ञानता, बुराई) को दूर करने का प्रयास ...

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निम्नलिखित कविता की पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढि़ए। फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना। सूरज की किरणों से सीखो, जगना और जगाना। लता और पेड़ों से सीखो, सबको गले लगाना। दीपक से सीखो जितना हो सके अँधेरा हरना। पृथ्वी से सीखो जीवों की सच्ची सेवा करना। जलधारा से सीखो आगे, जीवन-पथ पर बढ़ना। और धुएँ से सीखो हरदम, ऊँचे ही पर चढ़ना। सत्पुरुषों के जीवन से सीखो चरित्र निज गढ़ना। अपने गुरु से सीखो बच्चो, उत्तम विद्या पढ़ना। अब निम्नलिखित प्रश्नों के एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए- 1. वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ हमें क्या सिखाती हैं? 2. दीपक किसका प्रतीक है? 3. अंधेरा किसका प्रतीक है? 4. अपने गुरुओं से हमें क्या सीखना चाहिए? 5. वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ, हमें क्या संदेश देती हैं और इस संदेश का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? 6. जलधार हमें क्या संदेश देती है? इस संदेश को प्राप्त कर हम अपने जीवन में कैसे आगे बढ़ सकते हैं? 7. गुरु जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। कैसे?

NIOS Class 10 Hindi Chapter 10 पढ़ें कैसे यह कविता हमें प्रकृति से जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षाएँ लेने की प्रेरणा देती है। फूलों से हँसना, भौरों से गाना, और पेड़ों से विनम्रता सीखने की बात की गई है। सूरज की किरणों ...