NIOS Class 10 Hindi Chapter 4 जो लोग पीछे थे तुम्हारे, बढ़ गए, हैं बढ़ रहे, पीछे पड़े तुम, दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे! ये पंक्तियाँ उन लोगों की ओर इशारा करती हैं जो अपने आलस्य, असफलता, या ठहराव के लिए ...
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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 4, आह्वान सिर्फ अच्छे कर्म करने से हमेशा अच्छे परिणाम मिलते हैं: यह पूरी तरह सत्य नहीं है। जीवन में कई बाहरी कारक भी हमारे प्रयासों के परिणाम को प्रभावित करते हैं, ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 4 आह्वान जो व्यक्ति भाग्य के भरोसे रहता है, उसे आमतौर पर भाग्यवादी कहा जाता है। ऐसे लोग जीवन में घटनाओं को पूर्वनिर्धारित मानते हैं और अपने कर्मों की बजाय भाग्य पर निर्भर रहते हैं। भाग्य पर ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 4 बैठे हुए हो व्यर्थ क्यों? आगे बढ़ो, ऊँचे चढ़ो! है भाग्य की क्या भावना, अब पाठ पौरुष का पढ़ो! प्रेरणा का स्रोत आपके द्वारा उद्धृत पंक्तियाँ जीवन में आगे बढ़ने और संघर्ष करने की प्रेरणा देती हैं। यह ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 3 मेरे पालतू कुत्ते का नाम टोनी है। उसकी चमकीली फर, जैसे सुनहरे धूप में चमकता हुआ रेशम, उसे और भी आकर्षक बनाता है। उसकी बड़ी-बड़ी, चंचल आँखें जैसे चमकते हुए काजल की बूँदें हैं, जो ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 3 एक बार मैंने एक घायल पक्षी को देखा, जो अपने पंखों के टूटने के कारण उड़ नहीं पा रहा था। वह चिड़िया एक पेड़ के नीचे बैठी थी, उसकी आँखों में दर्द और भय था। ...
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10 हिंदी, अध्याय 3 गिल्लू गिल्लू रेखाचित्र की भाषा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: सरलता और सहजता: महादेवी वर्मा ने रेखाचित्र में सरल और सहज भाषा का प्रयोग किया है, जिससे पाठक आसानी से समझ सकें। भावनात्मक ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 3 गिल्लू गिल्लू की साहसिकता और समझदारी की बात मुझे बहुत अच्छी लगी। जब वह अपने घाव ठीक होने के बाद बाहर जाने का निर्णय लेता है, तो यह दर्शाता है कि उसने अपनी स्थिति को ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 3 गिल्लू इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली। यह वाक्य गिल्लू की स्वतंत्रता की प्राप्ति को संदर्भित करता है। जब गिल्लू ने खिड़की की जाली का एक कोना खोलकर ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 3 फिर गिल्लू के जीवन का प्रथम बसंत आया। नीम-चमेली की गंध मेरे कमरे में हौले-हौले आने लगी। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक्-चिक् करके न जाने क्या कहने लगीं। इस वाक्य में ...