राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 8, चंद्रगहना से लौटती बेर बगुला समाज के ढोंगी लोगों का प्रतीक है, जो दिखावा कुछ करते हैं और उनका आचरण कुछ और ही होता है। इसलिए कहावत भी है- बगुला भगत ...
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NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 चंद्रगहना से लौटती बेर साँझ होने को आई है और तालाब की सतह पर चाँद का प्रतिबिंब चमक रहा है। उसकी चमक आँखों को चैंधिाया देती है। चाँद के बारे में कवि की कल्पना देखिए-‘एक ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 प्रकृति का अनुराग भरा आँचल हिल रहा है! यह दृश्य कवि के मन को छू लेता है। उसे लगता है इस ग्रामीण अंचल में किसी नगर की अपेक्षा अधिक प्यार भरा वातावरण है। नगर तो ...
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 8, चंद्रगहना से लौटती बेर कवि कहता है-‘और सरसों की न पूछो !’ सरसों अब सयानी हो गई है। ‘सयानी होना’ के तीन अर्थ हैं- एक तो समझदार होना, दूसरा यौवन पा ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 चंद्रगहना से लौटती बेर चने के पौधो का आकार छोटा होता है। चने में गुलाबी रंग के फूल आ गए हैं। कवि को लगता है, यह छोटे-से कद का, बित्ते भर का चना अपने सिर ...