राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 15, अंधेर नगरी ‘अंधेर नगरी’ की भाषा-शैली सरल, प्रवाहपूर्ण और संवादात्मक है, जो नाटक के हास्य और व्यंग्य को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है। भारतेंदु हरिश्चंद्र ने आम जनता की बोलचाल ...
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NIOS Class 10 Hindi Chapter 15 अंधेर नगरी व्यंग्य-शैली शासन-व्यवस्था की आलोचना के लिए अत्यधिक उपयुक्त है क्योंकि यह हास्य और तीखे तर्कों के माध्यम से गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। व्यंग्य न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि समाज की ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 15 भारतेंदु हरिश्चंद्र ने ‘अंधेर नगरी’ नाटक को लिखने का उद्देश्य अंग्रेज़ी शासन के दौरान भारत की सामाजिक और राजनीतिक दुर्दशा को उजागर करना था। इस नाटक में उन्होंने न्याय और व्यवस्था की कमी को व्यंग्यात्मक ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 15 अंधेर नगरी ‘अंधेर नगरी’ नाटक में फेरीवालों की बातों से एक अराजक और व्यंग्यात्मक वातावरण का चित्रण होता है। फेरीवाले अपने सामान बेचते समय शासन व्यवस्था की कमियों और सामाजिक असमानताओं पर कटाक्ष करते हैं। ...
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 15, अंधेर नगरी महंत ने अंधेर नगरी में रहने के लिए मना किया क्योंकि वहां की व्यवस्था अव्यवस्थित और अराजक थी। भले ही मूल्यवान वस्तुएं सस्ती थीं, लेकिन “टके सेर भाजी, टके ...