NIOS Class 10 Hindi Chapter 2 करत-करत अभ्यास तें, जड़मति होत सुजान। रसरी आवत-जात तें, सिल पर परत निसान।। यह दोहा संत कबीर दास जी का है, जो अभ्यास और निरंतर प्रयास के महत्व को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि लगातार ...
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NIOS कक्षा 10 हिंदी अध्याय 2 दोहे अन्योक्ति अलंकार में किसी बात को सीधे न कहकर, उसे संकेतों या परोक्ष रूप में कहा जाता है। इसमें वास्तविक अर्थ छिपा रहता है और कहा कुछ और जाता है, जबकि अर्थ कुछ और ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 2 पावस देखि रहीम मन, कोइल साधौ मौन। अब दादुर बक्ता भए, हमको पूछत कौन।। मूर्खों के मंच पर होने से विद्वानों को मौन धारण कार लेना चाहिए इसीमें समझदारी है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10 हिंदी अध्याय 2 दोहे खैर, खून, खाँसी, खुसी, वैर, प्रीति, मदपान। रहिमन दाबे ना दबैं, जानत सकल जहान।। रहीम के अनुसार खून, खाँसी, खुसी, वैर, प्रीति और मदपान के अतिरिक्त कत्था छिपाए नहीं छिपता है।
NIOS Class 10 Hindi Chapter 2 जो जल बाढ़ै नाव में, घर में बाढ़ै दाम । दोऊ हाथ उलीचिए, यही सयानो काम ।। 4।। कबीर के इस दोहे में यह शिक्षा है कि जैसे नाव में पानी अधिक हो जाए, तो उसे बाहर ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 2 दोहे गुरु कुम्हार सिष कुंभ है, गढि़-गढि़ काढ़ै खोट। अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट ।। 3।। अच्छा गुरु शिष्य को सही मार्गदर्शन, शिक्षा और संस्कार देकर संवारता है। वह शिष्य के चरित्र, ज्ञान और व्यक्तित्व ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 2 ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊँच न होइ । सुबरन कलस सुरा भरा, साधू निंदै सोइ ।। 1।। कबीर के अनुसार, ऊँचे कुल में जन्म लेने पर भी आदमी निंदा का पात्र होता है, जब वह अच्छे ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter Bahadur कहानी कहने के तरीके को उसकी शैली कहते हैं, हमने देखा कि यह कहानी वाचक के जीवन का एक अनुभव है। घटनाएँ घट चुकी हैं। बहादुर वाचक के परिवार में आकर रहा और अब जा ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 1 इस कहानी का उद्देश्य समाज में समानता और सहानुभूति की आवश्यकता को उजागर करना है। यह शोषण, अत्याचार और असमानता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करती है। बहादुर की यात्रा दर्शाती है कि ...
NIOS Class 10 Hindi कहानी “बहादुर” से समाज को यह शिक्षा मिलती है कि मानवीय सहानुभूति और समाज में वर्ग भेद को मिटाने की आवश्यकता है। यह दर्शाता है कि शोषितों के प्रति संवेदनशीलता और समझदारी से ही सामाजिक समरसता संभव ...