राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 17, बीती विभावरी जाग री कवि नायिका और प्रकृति में गहरे संबंध को देखता है, जहाँ नायिका की सुंदरता प्रकृति की छवि को प्रतिबिंबित करती है। वह उषा को एक स्त्री के ...
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NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 बीती विभावरी जाग री कवि ने भोर के समय तारों के डूबने और पक्षियों के कलरव को लेकर एक सुंदर कल्पना की है। वह इसे एक स्त्री के पनघट पर जाने से जोड़ता है, जहाँ ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 ‘जाग री’ कविता में यह शब्द एक सोई हुई सखी के लिए आया है, जिसे कवि जगाना चाहता है। कवि उसकी नींद से जागने का आग्रह करता है ताकि वह प्रकृति के नए रूप और ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 कविता “बीती विभावरी जाग री” में मुख्य रूप से प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन किया गया है। इसमें सुबह के आगमन के साथ प्रकृति की जीवंतता, जैसे तारे, पक्षियों का कलरव, और खिलते फूलों का ...
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 17, बीती विभावरी जाग री कविता “बीती विभावरी जाग री” की भाषा में सरलता और प्रवाह है, जो इसे आकर्षक बनाती है। इसमें प्रतीकों और उपमाओं का समृद्ध प्रयोग किया गया है, ...