NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 बीती विभावरी जाग री कविता “बीती विभावरी जाग री” राष्ट्रीय संदर्भ में जागरूकता और चेतना का प्रतीक है। कवि जयशंकर प्रसाद ने इसे स्वाधीनता संग्राम के समय की पृष्ठभूमि में लिखा, जिसमें उन्होंने नायिका के ...
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NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 कविता “बीती विभावरी जाग री” में ‘आँखों में भरे विहाग री’ पंक्ति में कवि ने नायिका की आँखों में छिपे प्रेम और उल्लास को दर्शाया है। यह पंक्ति नायिका के आलस्य और रात्रि की खुमारी ...
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 17, बीती विभावरी जाग री कवि नायिका और प्रकृति में गहरे संबंध को देखता है, जहाँ नायिका की सुंदरता प्रकृति की छवि को प्रतिबिंबित करती है। वह उषा को एक स्त्री के ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 बीती विभावरी जाग री कवि ने भोर के समय तारों के डूबने और पक्षियों के कलरव को लेकर एक सुंदर कल्पना की है। वह इसे एक स्त्री के पनघट पर जाने से जोड़ता है, जहाँ ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 ‘जाग री’ कविता में यह शब्द एक सोई हुई सखी के लिए आया है, जिसे कवि जगाना चाहता है। कवि उसकी नींद से जागने का आग्रह करता है ताकि वह प्रकृति के नए रूप और ...