राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 8, चंद्रगहना से लौटती बेर हिंदी भाषा में पंचम व्यंजन उस व्यंजन को कहते हैं जो प्रत्येक वर्ग के पाँचवें स्थान पर आता है। हिंदी के स्वरवर्गीय व्यंजन (क-वर्ग, च-वर्ग, ट-वर्ग, त-वर्ग, ...
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NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 चंद्रगहना से लौटती बेर कविता में सरसों का सयानी होने का संकेत उसके रंग और रूप से मिलता है। सरसों का पीला रंग और उसकी विशेष खुशबू इस बात की ओर संकेत करते हैं कि ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 एक काले माथे वाली चालाक चिडि़या भी अपने सफ़ेद पंख फैला कर तालाब की सतह पर झपट कर पानी के भीतर से एक उजली सफ़ेद मछली को अपनी पीली चोंच में दबाकर आकाश में उड़ ...
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 8, चंद्रगहना से लौटती बेर कविता में तालाब के कुछ और दृश्य भी कवि का धयान खींचते हैं। जैसे- एक बगुला, जो पानी में टाँगें डुबाए, धयानमग्न सोया हुआ-सा खड़ा है। वह ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 चंद्रगहना से लौटती बेर साँझ होने को आई है और तालाब की सतह पर चाँद का प्रतिबिंब चमक रहा है। उसकी चमक आँखों को चैंधिाया देती है। चाँद के बारे में कवि की कल्पना देखिए-‘एक ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 तालाब के तल में भूरी घास लहरियाँ इसलिये लेती हैं क्योंकि पानी में हलचल या तरंगें आने पर ये घासें हल्की सी हिलने लगती हैं। जब पानी में हल्की सी ब्रीज़ या कोई अन्य कारण ...
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 8, चंद्रगहना से लौटती बेर इस विजन में दूर व्यापारिक नगर से प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है। इन पंक्तियों में कवि ने व्यापारिक नगर और प्रेम की भूमि के बीच के अंतर को ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 चंद्रगहना से लौटती बेर कवि ने सरसों के प्रसंग में ही ‘हाथ पीले करना’ का प्रयोग क्यों किया? क्योंकि सरसों जब फूलती है तो पूरा खेत ही पीला हो जाता है। तो पीली सरसों ब्याह ...
NIOS Class 10 Hindi Chapter 8 पास ही मिल कर उगी है बीच में अलसी हठीली देह की पतली, कमर की है लचीली, नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर कह रही है जो छुए यह दूँ हृदय का दान उसको। इन पंक्तियों में कवि ने एक ...
एक बीते के बराबर यह हरा ठिगना चना, बाँधो मुरैठा शीश पर छोटे गुलाबी फूल का, सज कर खड़ा है। कुल मिलाकर, इन पंक्तियों में कवि ने एक छोटे से, साधारण तत्व (चना) को सजाकर, उसे सुंदर और आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया ...