1. रॉबर्ट नर्सिंग होम: लेखक के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रॉबर्ट नर्सिंग होम लेखक के लिए अनेक कारणों से यादगार बन गया। मदर टेरेसा से प्रेरणा: मदर टेरेसा के दर्शन, करुणा और त्याग ने लेखक को गहराई से प्रभावित किया। उनके सादगीपूर्ण जीवन और दूसरों की सेवा करने के जज्बे ने लेखक को प्रेरणा दी। वृद्धों के प्रतिRead more

    रॉबर्ट नर्सिंग होम: लेखक के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रॉबर्ट नर्सिंग होम लेखक के लिए अनेक कारणों से यादगार बन गया।
    मदर टेरेसा से प्रेरणा: मदर टेरेसा के दर्शन, करुणा और त्याग ने लेखक को गहराई से प्रभावित किया। उनके सादगीपूर्ण जीवन और दूसरों की सेवा करने के जज्बे ने लेखक को प्रेरणा दी।
    वृद्धों के प्रति सहानुभूति: वृद्धों के जीवन को करीब से देखकर लेखक में उनके प्रति सहानुभूति और करुणा का भाव जागृत हुआ। उन्होंने जीवन के अंतिम पड़ाव में भी सकारात्मकता और आशा देखी।
    जीवन-मृत्यु का चिंतन: मृत्यु के सामने खड़े इन इंसानों को देखकर लेखक जीवन और मृत्यु के बारे में गहन चिंतन करने पर मजबूर हुए। यह अनुभव उनके लिए जीवन के मूल्य को समझने का मौका बना।
    आत्म-अवलोकन: मदर टेरेसा और वृद्धों के साथ बातचीत ने लेखक को अपने जीवन और मूल्यों का मूल्यांकन करने पर प्रेरित किया। यह आत्म-अवलोकन उनके लिए आत्म-विकास का मार्ग बना।

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  2. डॉक्टर का कथन "मदर तुम हँसी बिखेरती जो हो" मदर के व्यक्तित्व और उनके प्रभाव को दर्शाता है। हँसी का प्रतीक: मदर केवल हँसने वाली ही नहीं थीं बल्कि वे जहाँ भी जाती थीं खुशी और सकारात्मकता ले जाती थीं। उनकी उपस्थिति लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देती थी। दुःखों को मिटाने वाली: नर्सिंग होम में रहने वाले लRead more

    डॉक्टर का कथन “मदर तुम हँसी बिखेरती जो हो” मदर के व्यक्तित्व और उनके प्रभाव को दर्शाता है।
    हँसी का प्रतीक: मदर केवल हँसने वाली ही नहीं थीं बल्कि वे जहाँ भी जाती थीं खुशी और सकारात्मकता ले जाती थीं। उनकी उपस्थिति लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देती थी।
    दुःखों को मिटाने वाली: नर्सिंग होम में रहने वाले लोग अक्सर दुःखी और निराश रहते हैं। मदर अपनी हँसी और प्यार से उनके दुःखों को कम करती थीं और उन्हें जीने की उम्मीद देती थी।
    जीवन में प्रेरणा: मदर के हँसते हुए चेहरे और सकारात्मक दृष्टिकोण से लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती थी। वे सीखते थे कि कठिन परिस्थितियों में भी हँसना और खुश रहना संभव है।

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  3. (क) कबीर के अनुसार ऊँचे कुल में जन्म लेने पर भी आदमी निंदा का पात्र होता है, जब वह अच्छे कर्म नहीं करता।

    (क) कबीर के अनुसार ऊँचे कुल में जन्म लेने पर भी आदमी निंदा का पात्र होता है, जब वह अच्छे कर्म नहीं करता।

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  4. (घ) अच्छा गुरु शिष्य की कमियों को दूर करता है।

    (घ) अच्छा गुरु शिष्य की कमियों को दूर करता है।

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  5. (ख) कबीर ने दोहे में जल की तुलना धन से की है।

    (ख) कबीर ने दोहे में जल की तुलना धन से की है।

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