NIOS Class 10 Social Science Chapter 1
वैदिकोत्तर युग में लोगों की मुख्य आजीविका कृषि, पशुपालन, और व्यापार थी। इस समय कृषि का विकास हुआ, जिससे लोगों ने स्थायी निवास अपनाया और फसलें उगाने लगे। लोहे के औजारों के उपयोग ने कृषि को और अधिक प्रभावी बनाया। इसके अलावा, पशुपालन भी महत्वपूर्ण था, जिसमें गाय, भेड़, और बकरियों का पालन किया जाता था। व्यापारिक गतिविधियाँ भी बढ़ीं, जिससे विभिन्न वस्तुओं का आदान-प्रदान संभव हुआ और आर्थिक स्थिति में सुधार आया।
वैदिकोत्तर युग (लगभग 1500 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक) में लोगों की मुख्य आजीविका कृषि थी। इसके अलावा, पशुपालन, शिल्प, व्यापार और सेवा प्रदान करना भी महत्वपूर्ण आजीविका के साधन थे।