Sharad
  • 0

प्रस्तुत कविता राष्ट्रीय संदर्भ में क्या संकेत करती है? इसके राष्ट्रीय पक्ष को प्रस्तुत कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 17

  • 0

NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 बीती विभावरी जाग री

कविता “बीती विभावरी जाग री” राष्ट्रीय संदर्भ में जागरूकता और चेतना का प्रतीक है। कवि जयशंकर प्रसाद ने इसे स्वाधीनता संग्राम के समय की पृष्ठभूमि में लिखा, जिसमें उन्होंने नायिका के माध्यम से समाज को जगाने का प्रयास किया है। यह कविता प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ देश की स्थिति और संस्कृति को भी दर्शाती है। कवि का उद्देश्य लोगों में नवचेतना और ऊर्जा का संचार करना है, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें और राष्ट्र की स्वतंत्रता में योगदान दें। इस प्रकार, यह कविता राष्ट्रीय भावनाओं को उजागर करती है।

Share

1 Answer

  1. बीती विभावरी जाग री’ कविता का राष्ट्रीय संदर्भ में गहन अर्थ है और यह कई महत्वपूर्ण संकेत देती है। इस कविता में राष्ट्रीय पक्ष को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है:
    1. अंधकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान:
    कविता में ‘विभावरी’ अर्थात रात्रि का उल्लेख किया गया है, जो अंधकार का प्रतीक है। इसका तात्पर्य है कि देश एक लंबे समय से अंधकार (गुलामी, पिछड़ापन, संघर्ष) में था, लेकिन अब वह समय बीत चुका है और नया प्रकाश (स्वतंत्रता, जागरूकता, विकास) आने वाला है।
    2. नवजागरण का संदेश:
    ‘जाग री’ के माध्यम से कवि पूरे देश को जागने का संदेश देता है। यह एक प्रकार का आह्वान है कि देशवासी अपनी पुरानी मानसिकता और आलस्य को छोड़कर नई ऊर्जा और उत्साह के साथ जाग्रत हों और देश के नवजागरण में योगदान दें।
    3. राष्ट्रीय चेतना और एकता:
    कविता में जिस प्रकार विभावरी (रात्रि) को जगाने का आह्वान किया गया है, वह राष्ट्रीय चेतना और एकता का प्रतीक है। कवि सभी देशवासियों को एकजुट होकर अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होने का संदेश देता है।
    4. स्वतंत्रता की ओर अग्रसरता:
    तारों के डूबने और सूर्योदय का प्रतीकात्मक अर्थ यह है कि गुलामी की रात अब समाप्त हो चुकी है और स्वतंत्रता का सूरज उदय होने वाला है। यह देश की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदमों को दर्शाता है।
    5. प्रकृति और संस्कृति का समन्वय:
    कविता में प्रकृति के सुंदर दृश्य और नायिका का वर्णन, राष्ट्रीय संस्कृति और परंपराओं के सौंदर्य को भी उजागर करता है। यह दर्शाता है कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक भी है।
    6. उम्मीद और आशा:
    कविता में भोर की पहली किरणों और पक्षियों के कलरव के माध्यम से कवि ने उम्मीद और आशा का संदेश दिया है। यह बताता है कि नए युग की शुरुआत हो रही है, जहां हर व्यक्ति के लिए बेहतर संभावनाएं और प्रगति के अवसर होंगे।

    • 18
Leave an answer

Leave an answer

Browse