NIOS Class 10 Hindi Chapter 17
कविता “बीती विभावरी जाग री” में ‘आँखों में भरे विहाग री’ पंक्ति में कवि ने नायिका की आँखों में छिपे प्रेम और उल्लास को दर्शाया है। यह पंक्ति नायिका के आलस्य और रात्रि की खुमारी को उजागर करती है, जो उसकी आँखों में बसी हुई है। कवि ने नायिका की सुंदरता को प्रकृति के सौंदर्य से जोड़ा है, जैसे कि सुबह की पहली किरणें और खिलते फूल। इस प्रकार, यह पंक्ति नायिका के भीतर छिपे भावनात्मक गहराई और जीवन के नए आरंभ का प्रतीक है, जो पाठकों को आकर्षित करती है।
‘बीती विभावरी जाग री’ कविता में ‘आँखों में भरे विहाग री’ का विश्लेषण करते हुए इसके सौंदर्य को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता है:
व्याख्या:
‘आँखों में भरे विहाग री’ पंक्ति में ‘विहाग’ शब्द का अर्थ राग विहाग से है, जो कि एक शास्त्रीय संगीत राग है और जिसे रात्रि के अंतिम प्रहर में गाया जाता है। इस संदर्भ में, यह पंक्ति नायिका की आँखों में भरे हुए उस मधुर और गहन भाव को व्यक्त करती है जो राग विहाग में होता है। यहाँ नायिका की आँखों की सुंदरता और उसकी गहराई को राग विहाग की माधुर्य और भावुकता से तुलना किया गया है।
सौंदर्य:
भावनात्मक गहराई: कवि ने नायिका की आँखों में भरे हुए भाव को राग विहाग के माध्यम से व्यक्त किया है। राग विहाग की तरह, नायिका की आँखों में भी एक गहनता और संवेदनशीलता है, जो कि अत्यंत मनमोहक और आकर्षक है।
मानवीकरण और प्रतीकात्मकता: कवि ने नायिका की आँखों की सुंदरता को संगीत से जोड़कर मानवीकरण किया है। इससे पाठक को नायिका की आँखों की सुंदरता का एक नया और गहरा अनुभव होता है। यह प्रतीकात्मकता कविता में एक अतिरिक्त सौंदर्य जोड़ती है।
मूल और ताजगी: राग विहाग का संबंध रात्रि के अंतिम प्रहर से है, जब रात समाप्त होने को होती है और सुबह का आगमन होता है। इसी प्रकार, नायिका की आँखों में भरा हुआ विहाग भी एक नई शुरुआत और ताजगी का प्रतीक है।
नायिका और प्रकृति का समन्वय: इस पंक्ति के माध्यम से, कवि ने नायिका और प्रकृति के बीच के गहरे संबंध को प्रस्तुत किया है। नायिका की आँखें और राग विहाग दोनों ही प्रकृति की सुंदरता और माधुर्य को दर्शाते हैं।
कविता का संगीतात्मक प्रभाव: ‘आँखों में भरे विहाग री’ पंक्ति में न केवल शब्दों की सुंदरता है, बल्कि इसमें एक संगीतात्मक प्रभाव भी है। यह पंक्ति पाठक को एक मधुर और सुखद ध्वनि का अनुभव कराती है, जो कि कविता के सौंदर्य को और भी बढ़ा देती है।