NIOS Class 10 Hindi Chapter 13
ईश्वर द्वारा राजकुमार और गौरैया को स्वर्ग में स्थान देने का संदेश यह है कि सच्ची मानवता और करुणा का सम्मान किया जाता है। कहानीकार यह दर्शाना चाहता है कि भौतिक सुखों से परे, निस्वार्थ प्रेम और दूसरों की पीड़ा को समझने की भावना अधिक महत्वपूर्ण है। राजकुमार ने अपने जीवन में भोग-विलास को त्यागकर दूसरों की भलाई के लिए अपने सुखों का बलिदान किया, जबकि गौरैया ने उसकी करुणा को समझा। इस प्रकार, कहानी हमें सिखाती है कि वास्तविक मूल्य मानवीय संवेदनाओं में निहित हैं।
“सुखी राजकुमार” कहानी में ईश्वर द्वारा राजकुमार और गौरैया को स्वर्ग में स्थान देने से कहानीकार यह संदेश देना चाहता है कि सच्ची महानता और आत्मिक मूल्य त्याग, सेवा, और करुणा में निहित हैं। राजकुमार और गौरैया ने निस्वार्थ भाव से गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की, जो उनके आत्मिक उत्थान का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि भौतिक सुख-संपत्ति से बढ़कर आत्मिक सुख और परोपकार है। स्वर्ग में उनका स्थान पाना यह दर्शाता है कि ईश्वर की दृष्टि में निस्वार्थ सेवा और करुणा का उच्चतम मूल्य है, और अंततः वही सच्ची पुण्याई है जो अमर होती है।