राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 12, इसे जगाओ
भवानीप्रसाद मिश्र की भाषा सरल, सहज और बोलचाल की है, जो उन्हें आम पाठकों से जोड़ती है। उन्होंने अपनी कविताओं में जटिल और भारी-भरकम शब्दों का उपयोग नहीं किया, बल्कि प्रचलित शब्दों और मुहावरों के माध्यम से गहरी भावनाएँ व्यक्त की हैं। उनकी भाषा में संवेदनशीलता और आत्मीयता का अनुभव होता है, जिससे पाठक को एक संवाद का अनुभव होता है। मिश्र जी की काव्यशैली में यथार्थता और सामाजिक मुद्दों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो उनकी कविताओं को विशेष बनाता है।