NIOS Class 10 Hindi Chapter 11
गद्यांश का सार यह है कि आज की भारतीय शिक्षित नारी को एक अच्छी गृहिणी के रूप में नहीं देखा जाता, जिसका कारण पुरुषों की संकीर्ण दृष्टि है। विवाह के बाद उसकी भावनाओं और इच्छाओं की अनदेखी की जाती है। यदि पति पत्नी के सुख का ध्यान रखे, तो वह एक सफल गृहिणी बन सकती है। दोनों का कर्तव्य है कि वे एक-दूसरे का सहयोग करें और नारी को भी सम्मान मिले, क्योंकि उसकी अपनी आवश्यकताएँ और इच्छाएँ होती हैं।
भारतीय शिक्षित नारी को अच्छी गृहिणी न मानना पुरुषों की एकांगी दृष्टि का परिणाम है। विवाह के बाद उसकी भावनाओं और कठिनाइयों की उपेक्षा होती है। यदि पति पत्नी के सुख का ध्यान रखे और दोनों एक-दूसरे की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करें, तो नारी अच्छी गृहिणी बन सकती है। नारी भी सम्मान और समझ की अधिकारिणी है। यदि नारी त्याग की मूर्ति है, तो पुरुष को भी बलिदानी होना चाहिए।