राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 11, सार लेखन
गद्यांश का सार यह है कि धर्म और विज्ञान दोनों सभ्यता और संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। धर्म मनुष्य के भीतर सुधार लाता है, जबकि विज्ञान बाहरी दुनिया को समझने और जीतने में मदद करता है। यदि धर्म और विज्ञान मिलकर कार्य करें, तो मानवता संकीर्णता को छोड़कर समस्त संसार को एक परिवार मानने लगेगी, जिससे वैश्विक एकता और शांति की स्थापना संभव हो सकेगी।
सभ्यता और संस्कृति के विकास में धर्म और विज्ञान का हाथ रहता है। धर्म ने मनुष्य के मन में सुधाार किया है और विज्ञान ने संस्कृति को जीता है। धर्म हमारे मन को बल देता है और सत्य, अहिंसा, परोपकार, संयम आदि सभी अच्छे गुण धर्म के कारण हैं। धर्म हृदय में पैदा होता है। विज्ञान प्रकृति को जीतता है जबकि धर्म सत्य, अहिंसा, परोपकार आदि से मन को जीतता है। इसीलिए यदि धर्म और विज्ञान मिलकर काम करें, तो वह दिन दूर नहीं, जब हम केवल राज्यों और देशों से अपने को जोड़ने की संकुचित प्रवृत्ति को छोड़ देंगे और समस्त संसार को अपना समझने लगेंगे।