NIOS Class 10 Hindi Chapter 11 सार लेखन
धर्म और संप्रदाय में मूल अंतर है। धर्म एक व्यापक और सार्वभौमिक सिद्धांत है, जो व्यक्ति को आत्म-साक्षात्कार, नैतिकता, और मानवता की दिशा में मार्गदर्शन करता है। यह मानव जीवन को सही दिशा देता है। संप्रदाय, धर्म का एक संकीर्ण रूप है, जो विशेष समूह, जाति या समुदाय से संबंधित होता है। संप्रदाय बाहरी कृत्यों, प्रतीकों और परंपराओं पर जोर देता है, जो अक्सर भेद-भाव को बढ़ावा देते हैं।
(i) लोगों ने धर्म को धोखे की दुकान बना रखा है। (√)
(ii) संप्रदाय बाह्य कृत्यों पर ज़ोर देते हैं और धर्म मनुष्य को आत्म-साक्षात्कार कराता है। (√)
(iii) बात यह है कि लोग धर्म को छोड़कर संप्रदाय के जाल में फँस रहे हैं। (√)
(iv) वे धर्म के सार-तत्त्व को मसल देते हैं। (√)