माँ बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है, बहादुर के इस कथन से पता लगता है कि NIOS, Class 10, Hindi, Chapter 1
NIOS, Class 10, Hindi, Chapter 1
निर्मला कभी-कभी उससे पूछती थी – बहादुर, तुमको अपनी माँ की याद आती है?
नहीं।
क्यों?
वह मारता क्यों था?-इतना कहकर वह ख़ूब हँसता था, जैसे मार खाना ख़ुशी की बात हो।
तब तुम अपना पैसा माँ के पास कैसे भेजने को कहते हो?
माँ-बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है – वह और भी हँसता था।
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’माँ बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है,’ बहादुर के इस कथन से पता लगता है कि उसे माँ-बाप के प्रति अपने कर्तव्य का बोध है।